Oops! इन 3 मौकों पर कन्या पूजन किया तो पुण्य नहीं, पाप मिलेगा!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

Shardiya Navratri 2025 में 9 दिन देवी माँ की आराधना के बाद, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाएगी। भक्तजन 9 कन्याओं और 1 बालक को भोजन करवाकर व्रत का समापन करते हैं। लेकिन, ध्यान रखिए—हर स्थिति में कन्या पूजन नहीं किया जाता।
अब धर्म है तो नियम भी होंगे, और इन्हें तोड़ोगे तो पुण्य का स्कोर डाउन हो जाएगा!

मृत्यु सूतक लगा है? तो पूजा Pause कर दो!

अगर आपके घर में किसी की मृत्यु हो गई है, तो वहां मृत्यु सूतक (अशुद्धि काल) शुरू हो जाता है। इस दौरान नवरात्रि की पूजा, हवन, और खासतौर पर कन्या पूजन करना वर्जित है।

❝ धार्मिक सिस्टम कहता है—Cleanse first, Worship later! ❞

क्या करें: सूतक खत्म होने के बाद घर में शुद्धिकरण करें, फिर ही पूजा करें।

घर में नन्हा मेहमान आया है? तो अभी पूजा छुट्टी पर है!

बच्चे का जन्म होते ही जन्म सूतक शुरू हो जाता है। ये भी पूजा न करने की अवधि होती है।

❝ Cute Baby = पूजा Break! ❞

इस दौरान देवी माँ से भी थोड़ा ब्रेक ले लेना चाहिए। कन्या पूजन करने की मनाही होती है जब तक घर पूरी तरह से शुद्ध न हो जाए।

क्या करें: शुद्धिकरण के बाद ही कन्या पूजन करें।

मासिक धर्म में हैं? तो कन्या पूजन से Social Distance रखें!

यदि महिला खुद या घर की कोई महिला जो पूजा में भाग ले रही है, मासिक धर्म में है, तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उस दौरान कन्या पूजन वर्जित है।

❝ Periods = Pause the Pooja! ❞

इस दौरान कन्या पूजन से दूर रहना ही अच्छा माना गया है।

क्या करें: पूजा की जिम्मेदारी किसी अन्य महिला को सौंप दें या समय अनुसार Adjust करें।

अगर इन नियमों को किया नजरअंदाज तो…

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नियमों को नजरअंदाज करके किया गया कन्या पूजन न सिर्फ अमान्य माना जाता है, बल्कि इसका आध्यात्मिक लाभ भी खत्म हो जाता है। मतलब—”Return on Pooja Investment = Zero!”

धर्म है तो Disciplin भी चाहिए!

Shardiya Navratri में भावनाओं से ज्यादा ज़रूरी है सही समय पर, सही तरीके से पूजा करना। तो इस बार 30 सितंबर या 1 अक्टूबर को कन्या पूजन करने से पहले ये 3 बातों की Check-List ज़रूर बना लें।

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